नीरज कुमार द्विवेदी
पर्व दीपों का दीवाली लाये नई उजियाली,
हर्ष व उमंग संग पर्व ये मनाइए।
प्रेम-तेल दीप भर, सभी डाल बाती स्नेह,
नीरज कुमार द्विवेदी
पर्व दीपों का दीवाली लाये नई उजियाली,
हर्ष व उमंग संग पर्व ये मनाइए।
प्रेम-तेल दीप भर, सभी डाल बाती स्नेह,
उर में अनुराग का उजाला फैलाइए।
छल कपट ईर्ष्या के, तू पटाखे फोड़कर,
मन में बसे ये सारे, द्वेष को मिटाइये।
त्रेता की परंपरा है, इसको निभाते पर,
त्रेता युग का वो अब, राम राज लाइये।।
अपनों के रिश्तों में, बढ़ती खटास है जो,
दिवाली के रॉकेट से इसको उड़ाइये।
है अपनों के प्रेम में, मिठास कितनी भरी,
सहर्ष अमूल्य रस, इस दिवाली पाइए।
नफरत का जो सुर, बहा रहे हैं असुर,
दीपावली पर ये कसम सब खाइए।
लोगों में ये प्यार चाहे जितना भी बाँटो पर,
अपनों के प्यार को तू, कभी न बंटाइये।
धर्म, जाति, भेद-भाव, सब कुछ छोड़कर,
धर्म इन्सानियत का मन में बसाइये।
जीवन में करने का, कुछ गर मन हो,
गरीबों की मदद को हाथ ये बढ़ाइए।
लाचारों की सेवा करो, खुश होते हैं राजीव,
जन-जन को यहाँ ये, बात समझाइए।
पाना तुझे मुक्ति गर, पार होना भव से है,
राम सीताराम बस राम राम गाइए।
नीरज कुमार द्विवेदी
गन्नीपुर-श्रृंगीनारी
बस्ती-उत्तर प्रदेश
About VOICE OF BASTI
Hello, my name is Suyash Kumar Srivastava. I'm a 19 year old self-employed private from the India.
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