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Monday, October 18, 2021

पूर्वांचल के गौरव थे अशोक, सुंदरकांड के उपरांत गरीब असहाय में बटा भोजन व वस्त्र


गोरखपुर । गरीबों, असहायों, जरूरतमंदों की मदद करना मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म है, ऐसा कार्य हर सामाजिक व्यक्ति को करना चाहिए। उक्त उद्बोधन समाजसेवी दुर्गा प्रसाद बाबू जी ने व्यक्त किए।

सर्वप्रथम उपस्थित जनों ने समाजसेवी व राजनेता रहे डॉ0 अशोक कुमार श्रीवास्तव के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम में आये हुए विशिष्ट जनों ने डॉक्टर अशोक के जीवन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात सुप्रसिद्ध भजन गायक ओम प्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में सुंदरकांड, भजन आदि का मनमोहक प्रस्तुति किया गया। सुन्दरकाण्ड, भजन कीर्तन के बाद गरीब असहाय लोंगो में भोजन, वस्त्र आदि का वितरण किया गया।
बाबू जी ने डॉक्टर अशोक कुमार श्रीवास्तव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए इनको सच्चा समाजसेवी व पूर्वांचल का गौरव बताया। क्या कहूँ और कहाँ से शुरू करूँ? हम एक ऐसे व्यक्तित्व के जीवन पर कुछ कहने जा रहे हैं, जिनके लिए हर शब्द छोटा है। उनके व्यक्तित्व के प्रकाश का वर्णन हमसे हो ही नहीं सकता। किसी व्यक्ति मे एक साथ इतनी विशेषताएँ दुर्लभ है। ये महामानव हमारे अभिभावक हैं, यह जानकार ही हम फुले नहीं समाते। सौ बार नहीं, लाखों बार नमन है ऐसे महापुरुष जिनका नाम है डॉ अशोक। छोटी-छोटी बातें पर, समुद्र की गहराइयों जैसी विशाल अर्थ, छोटी एवं कृशकाय तन पर हिमालय सरीखा व्यक्तित्व। सरलता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति हमारे कुल वंशज पर जितना गर्व करें,कम होगा।
मां अंक्लेश शक्ति सदन परिवार व एवं शीतला प्रसाद फूलमती शिक्षा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में भी ग्राम ठठउर में डॉ अशोक के जन्म दिवस के "सहयोग दिवस" के रूप में मनाया गया। जिसमें गरीब असहाय में भोजन, वस्त्र आदि का वितरण परिवार व सहयोगी गण द्वारा किया गया ।
अरुण कुमार (पूर्व एसडीएम) व विनय कुमार श्रीवास्तव (चकबंदी अधिकारी) ने कहा कि बाहर से विनम्र परंतु अन्दर से चट्टान की तरह दृढ़ व्यक्तित्व के धनी डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव उर्फ अशोक जी हम कहाँ से लाएँगे? हम कितने भाग्यशाली हैं,जो आज ऐसे व्यक्ति की जयंती मनाने का अवसर हमे मिल रहा है। अभावों मे पला बचपन वाला यह व्यक्तित्व क्षेत्र समाज वह व सभी वर्गों धर्मों मे जिस प्रभाव को छोड़ा, वह अद्वितीय है। न भूतो न भविष्यति।
इंजीनियर रंजीत कुमार व इंजीनियर संजीत कुमार ने कहा कि आज हमारा समाज जिस दौर से गुजर रहा है, क्या हमारे पूर्वजों ने ऐसी कल्पना भी की होगी ? यह युगों पुरानी बात नहीं है,आज से 64 वर्ष पूर्व जन्मा यह महामानव आज भी मन मष्तिष्क मे जीवित है तो सिर्फ अपने कृतियों से।
ई. प्रखर कुमार ने बताया कि मानित बाबू अपने बड़े पापा जी के स्मृति में व अपनी खुशियों को जरूरतमंद लोगों के साथ बाटने के क्रम मे गांव की मलिन बस्तियों के बच्चों व निर्धन परिवारों के बच्चो में अध्ययन सामग्री ,खाद्य पदार्थ आदि का बच्चों को हर वर्ष की भाँति इस बार भी जुलाई माह में स्कूल ड्रेस, कॉपी, पेंसिल आदि प्रदान किया जाएगा।
इसी क्रम में इंजीनियर प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ( रेलवे सिग्नल अधिकारी) व डॉ मनोज कुमार (विभागाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र सेडिका) ने कहा हमे इस पवित्र महान व्यक्तित्व के स्मृति में कई सामाजिक उत्थान के कार्य क्रमो को मूर्त रुप देना है।
इस अवसर पर डॉ पुल पुल श्रीवास्तव,डॉक्टर किरन,श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव, संगीता,भावना,निवेदिता,स्मिता, मनीषा,अनीता,मनीष चंद,राजेश सिंह ,पंकज वर्मा, आशीष, विवेक श्रीवास्तव,पंकज सिंह,सत्यम सिंह, रंजीत,मुकेश गुप्ता, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव,दिव्येन्दु नाथ,जीतेन्द्र पाल, सुरेंद्र यादव,आर पी श्रीवास्तव ,अभिराज श्रीवास्तव आदि लोग भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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