आर्ट ऑफ बस्ती एवं डार्क इन साइड कैफे के संयुक्त तत्वाधान में रोडवेज के निकट स्थित एक मैरेज हाल के सभागार में डांडिया रास का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने रंगीन सजी डंडे की जोड़ी से डांडिया, ताली और डंडे से गरबा और मिट्टी के पात्र में नारियल, जलता कोयला, कपूर और हवन सामग्री रखकर धुनुची को हाथ में पकड़कर नृत्य किया। इस दौरान महिलाएं देर रात तक गरबा नृत्य, डांडिया और धुनुची के साथ खूब झूमी सभी ने खूब मस्ती की। आयोजन में कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी की पत्नी एवं रिदम, अकादमी की संस्थापिका डॉ. श्रेया प्रजापति एवं राज्य ललित कला अकादमी के सदस्य डॉ नवीन श्रीवास्तव सरोज सिंह अभिषेक श्रीवास्तव ‘विरल’ सत्येंद्र श्रीवास्तव, ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम का संचालन अविनाश श्रीवास्तव ने किया। शुभम गुप्ता, शालिनी, जान्हवी के द्वारा प्रस्तुत भक्ति गीतों की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को ऊंचाई दी।
मुख्य अतिथि ने कहा कि गरबा सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। गरबा गुजरात से और डांडिया वृंदावन से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए । इससे हमारी संस्कृति के विविध स्वरूपों का विस्तार होता है। नृत्य भगवान शिव का दिया हुआ प्रसाद है जिसमें जीवन का लय और प्रलय समाहित है।
इस दौरान कार्यक्रम संयोजक मास्टर शिव, राहुल श्रीवास्तव, शुभम गुप्ता, अश्वनी सिंह शुभम वर्मा, अंकित श्रीवास्तव, सुयश श्रीवास्तव, अभिषेक, डॉ सैफ, फैसल, नीतू श्रीवास्तवा, प्रीती श्रीवास्तवा, दृष्टी श्रीवास्तवा, दिक्षान्त नवीन, राजेश चित्र गुप्त, कमलेश, सुगन्ध, सरोज सिंह, सरिता शुक्ला, सुधा रजनी पिंकी रश्मि सलोनी प्रिया ,रेखा चित्रगुप्त, संध्या दीक्षित, प्रकाश मोहन श्रीवास्तव, अभिनव उपाध्याय, बाल मुकुंद आकाश, भक्तिनारायन श्रीवास्तव, प्रशांत पाण्डेय, शाम्भवी, जान्हवी, शालिनी, रानी, राजकुमार प्रजापति, आशीष श्रीवास्तव, कुलदीप सिंह, अजय श्रीवास्तव, अभिषेक ओझा, प्रशान्त श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।
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