उत्तर प्रदेश में दलित कांग्रेस ने निकाला स्वाभिमान यात्रा
स्वाभिमान यात्रा संवैधानिक अधिकारों के तहत अनुशासन का पालन करते हुए निकाली जा रही थी, अलोकतांत्रिक तरीके से रोका जाना लोकतंत्र के मूल्यों का हनन है, जो आज योगी की पुलिस द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अहंकार में चूर अपनी दमनकारी नीतियों के तहत इस प्रकार के कार्य कर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते है। जिससे उनका दलित विरोध चेहरा उजागर हो चुका है।
देश के हर नागरिक को बाबा साहब के सम्मान में मार्ल्यापण करने का अधिकार है चाहे वह देश का प्रथम नागरिक हो या देश का आम नागरिक। मगर योगी जी अपनी क्षदम और कुनीति के तहत संविधान में दिये गये अधिकारों का उलंघन कर संविधान पर लगातार प्रहार कर रहे है। यूपी की भाजपा सरकार बाबा साहब के प्रेम में आडम्बर और दिखावा कर पलक पावड़े विछाने को आतुर है और सिर्फ दलित समाज को वोट बैंक की खातिर लुभाने का कार्य कर रही है, परन्तु आज दलित समाज जागरूक हो गया है और जानता है सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दलितों की हितैसी और दलितों के सम्मान में, तथा उनके अधिकारों को दिलाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर हो रहे उत्पीड़न, अत्याचार तथा महिलाओं पर लगातार हो रहे बलात्कार और हत्याओं पर मौन और शांत बैठें है।
संविधान निर्माता बाबा साहब को कांग्रेस द्वारा दिये गये सम्मान पर मार्ल्यापण करने जा रहे कांग्रेसजनों को रोकने के बजाय दलित समाज पर हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न और बलात्कार और हत्याओं की घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है। किसानों और बेरोजगारों पर बर्बरता पूर्वक लाठी बरसाना रोकें, आज भाजपा का चाल, चरित्र चेहरा उजागर हो चुका है, भाजपा की करनी और कथनी में अंतर है अब यह पूरी तरह दोहरी मानसिकता से ग्रस्त हो चुके है।
कार्यक्रम में प्रमुखरूप से सिद्धिश्री, सरलेश रावत, विषम सिंह, मुरली मनोहर, प्रदीप कन्नौजिया, सुशील बालमिकि, अनुराग बालमिकि, हरिओम कटेरिया, विजय बहादुर, सीमा भारती, रामशरन वर्मा, सुशीला सोनकर, सूरज पासी, रामपाल, नरेन्द्र गौतम, संतोष रावत, सोनू बुंदेला, विनित वर्धन आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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