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Friday, August 27, 2021

माक ड्रिल के जरिए परखे गए तीसरी लहर से बचाव के इन्तजाम

- जिला अस्पताल समेत सात स्वास्थ्य इकाइयों पर हुई माक ड्रिल

- अधिकारी करते रहे माक ड्रिल का पर्यवेक्षणदेते रहे जानकारी


संतकबीरनगर। कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचने की तैयारियों को परखने के लिए माक ड्रिल की गई। इस दौरान जिले के छरू  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही साथ जिला अस्पताल में भी तीसरी लहर की तैयारियों को परखा गया। वहीं शासन से नियुक्त जिले के नोडल अधिकारी के साथ ही साथ जिला स्तर पर बनाए गए पर्यवेक्षण अधिकारी इन तैयारियों का परीक्षण चेकलिस्ट के हिसाब से करते रहे।

    जनपद के अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के इंतजामों को जांचने के लिए जिले की कुल सात स्वास्थ्य इकाइयों में माक ड्रिल का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा तथा शासन से नामित जिले के नोडल अधिकारी गोरखपुर मण्डल के जेडी डॉ अरुण गर्ग के निर्देशन में माक ड्रिल प्रारंभ की गई। जिला अस्पताल में एमसीएच विंग, तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद, नाथनगर, सांथा, सेमरियांवा के साथ ही हैसर और मेंहदावल में भी मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान स्वास्थ्य इकाइयों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (च्प्ब्न्), नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (छप्ब्न्), और स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों को परखा गया। इस दौरान यह देखा गया कि तीसरी लहर के लिए हमारा हेल्थ सिस्टम कितना तैयार है, साथ ही अस्पतालों में कोरोना से इलाज के कितने इन्तजाम हैं। अधिकारीगण पूरी तन्मयता के साथ हर चरण का चेकलिस्ट के हिसाब से मिलान करते रहे। अगर बीच में कहीं कोई चरण छूट गया तो उसको रिपीट कराया गया। एसीएमओ डॉ मोहन झा शासन स्तर से जिला अस्पताल व चार  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही माक ड्रिल के दिशा निर्देश मिले थे। लेकिन बचे हुए दो सीएचसी हैसर बाजार व मेंहदावल में भी तैयारियों की माक ड्रिल करवा ली गई है, ताकि वहां के स्वास्थ्यकर्मी भी प्रशिक्षित हो जाएं।

मॉक ड्रिल में इन तैयारियों की हुई चेकिंग

माक ड्रिल के दौरान पीडियाट्रिक कोविड केयर यूनिट, नियोनेटल इमरजेंसी केयर यूनिट, कोविड केयर वार्ड में उपकरणों व स्टाफ की जांच, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, वेंटिलेटर, बाइपैप, मास्क व जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन सप्लाई व ऑक्सीजन की उपलब्धता, पीपीई किट, स्टाफ का व्यवहार, विशेषज्ञों, चिकित्सक, नर्स व अन्य स्टाफ की उपलब्धता, कंट्रोल रूम, स्टाफ की सक्रियता, ड्यूटी रोस्टर, एंबुलेंस चालकों का व्यवहार, एंबुलेंस की व्यवस्था  के साथ ही उपकरणों की उपलब्धता की मॉनिटरिंग की गई।

नोडल अधिकारी ने रखी मॉक ड्रिल पर नजर

हर जिले में मॉक ड्रिल पर नोडल अधिकारियों को नजर रखने को था। गोरखपुर मण्डल के जेडी डॉ अरुण गर्ग को जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी । वे सीएमओ डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा व पर्यवेक्षण अधिकारी डॉ एसडी ओझा के साथ पूरी व्यवस्था को देखते रहे। वहीं एसीएमओ डॉ मोहन झा सेमरियांवा,  जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ मुबारक अली सांथा व मेंहदावल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान खलीलाबाद, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ स्नेहल परमार हैसर बाजार तथा डॉ आर के मौर्या नाथनगर में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करते रहे।  

बच्चों पर संक्रमण का मुख्य खतरा

सीएमओ डॉ इन्द्रविजय विश्वकर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक संक्रमण की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी है। बच्चों को अभी तक वैक्सीन भी नहीं लगी है ऐसे में बच्चों की सुरक्षा अहम है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र व अस्पतालों में तैयारियों की जांच करने को कहा था। इस क्रम में जिले की तैयारियों को परखा गया। तैयारियां बेहतर हैं। जहां भी कोई कमी पाई गई है उसको पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।



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