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अपूर्वा सुर्यवंशी |
उत्तर प्रदेश की गलियों से कविताओं के एक बेजोड़ आवाज आ रही है। यह कोई साधारण लड़की नहीं बल्कि शेरनी नाम से प्रसिद्ध लेखिका और कवित्री अपूर्वा सुर्यवंशी की आवाज़ है। अपूर्वा का जन्म 4 मार्च 2004 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ। अपूर्वा के पिताजी का नाम श्री भुपेश कुमार सिंह है। जो अधिवक्ता पद पर कार्यरत हैं। इनके माता का नाम श्रीमती अनीता सिंह है । जो एक शिक्षिका हैं और साथ ही साथ एक लेखिका भी है। अपूर्वा बचपन से ही कविताएं लिख रही हैं। इन्होंने अभी तक सैकड़ों सांझा काव्य संग्रह लिखी हैं। बचपन से ही इनमें साहित्य कि रूचि रही है और तमाम प्रतियोगिताओं में इन्होंने सफलता हासिल किया। हालांकि इनको दादा और दादी से काफी लगाव था क्योंकि मां ज्यादा वक्त इनके साथ नहीं बिता पाती और दादाजी के गुजरने के बाद ये बहुत उदास रहने लगी और जो बात किसी से नहीं कह पाती उसे लिखना प्रारंभ कर दिया। अपूर्वा अपने माता को पत्र लिखकर अपनी बात बताती थी। इनकी माताश्री अपने समय कि उद्घोषिका रह चुकी है और वो अपना बचपना अपूर्वा में देखती है। मां श्रीमती अनीता का नन्हे कदमों से साथ मिलता गया और आज अपूर्वा एक लेखिका और कवियत्री के रुप में उभर रही हैं। इनके लेखन में महिलाओं के लिए प्रेम व साथ मानवतावादी व देशप्रेम जैसे बिन्दुओं की झलक मिलेगी।
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