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Wednesday, June 9, 2021

सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को दिया गया परामर्श

 - मां और शिशु दोनों की सुरक्षा है जरूरी

- राज्य महिला आयोग की सदस्य ने किया फल वितरण

- जिला महिला अस्पताल में हुआ कार्यक्रम का आयोजन

बस्ती। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिला महिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 87 गर्भवती को परामर्श देने के साथ ही उनकी जांच भी कराई गई। राज्य महिला आयोग की सदस्य  इंद्रवास सिंह ने इस अवसर पर गर्भवती में फल वितरण किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा है कि सभी गर्भवती को समय से उचित परामर्श व नि:शुल्क जांच की सुविधा मिले। मां और शिशु दोनों की सुरक्षा जरूरी है। इसी क्रम में हर महीने की नौ तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


श्रीमती सिंह ने कहा कि इस अभियान का मकसद मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम करना है। अगर समय पर महिलाओं की जांच कर उनमें हाईिरस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं की पहचान कर उनका प्रसव उच्च चिकित्सा इकाई में कराया जाए तो खतरा न्यूनतम हो जाता है। सीएमएस डॉ. सुषमा सिन्हा ने उनका स्वागत किया। फल वितरण के बाद उन्होंने वार्डों का निरीक्षण कर वहां भर्ती प्रसूताओं से उनका हाल-चाल जाना। दोपहर तक कुल 87 गर्भवती को परामर्श दिया गया। डॉ. ममता रानी, डॉ. सीमा चौधरी व डॉ. शगुफ्ता मौजूद रहीं।

बनकटी पीएचसी में दोपहर 12 बजे तक 18 महिलाओं की जांच एमओआईसी डॉ. धर्मेंद्र चौधरी ने की। वहां एनएचएम के डीपीएम राकेश पांडेय, जिला लेखा प्रबंधक एसआर पांडेय व मातृ स्वास्थ्य सलाहकार राजकुमार ने अस्पताल पहुंचकर वहां का जायजा लिया।

एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि जिला महिला अस्पताल सहित सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके अलावा साऊंघाट व रुधौली ब्लॉक की कुछ एडिशनल पीएचसी पर भी गर्भवती की जांच की गई। अब जबकि कोरोना का जोर कम हुआ है, तो विभाग की ओर से अन्य योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जांच में जो महिलाए हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली पाई जाएंगी, उनकी सूची तैयार कर उनको हॉयर सेंटर भेजकर इलाज कराया जाएगा।

कोरोना काल में भी 1499 ने कराई जांच

कोरोना काल अप्रैल व मई 2021 में 1499 गर्भवती ने जांच कराई। इनमें 1152 दूसरी व तीसरी तिमाही में आई गर्भवती शामिल रहीं। इसमें से 166 हाईिरस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं का चयन किया गया। 1457 गर्भवती की हीमोग्लोबीन, 1357 की एचआईवी, 1324 की सिफलिस की जांच की गई। 195 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड भी कराया गया। एसीएमओ डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि योजना का संचालन 2016-17 से किया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

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