गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कम डॉक्टरों की संख्या को देखते हुए फैसला लिया है कि अब हॉस्पिटल के प्रशासनिक कार्यो के लिए एमबीए के लोगों को रखा जायेगा। ताकि डॉक्टर अपनी सेवा चिकित्सा के कार्यों में दे सके। यूपी सरकार के इस फैसले से एमबीए छात्रों में नौकरी की आस जगी है और वे इसे सरकार का सराहनीय कदम बताया है। वहीं बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से डॉक्टरों में नाराजगी है।
हॉस्पिटल में प्रशासनिक कार्यों के लिए एमबीए के लिए रखने के सरकारी फैसले से हॉस्पिटल मैनेजमेंट किए लोग ज्यादा उत्साहित हैं उनका कहना है कि हॉस्पिटल के संचालन के कार्यों को जितनी अच्छी तरह से हम कर सकते हैं उतना बेहतर और कोई नहीं कर सकता है।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कोर्स किए सूर्य प्रताप मिश्र ने कहा कि हॉस्पिटल के प्रशासनिक कार्यों के लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लोग ज्यादा बेहतर साबित होंगे। डॉक्टर से मेरा निवेदन है कि आप भगवान हैं लोगो की जिंदगी बचाते हैं आप बचाइए पर मैनेजमेंट तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लड़के ही करते हैं। किसी प्राइवेट हॉस्पिटल जिसको आप जानते हों वो कभी नुकसान में हो तो बताइए । मिश्र ने कहा विश्वास करिए जान आप बचा सकते तो सिस्टम को हम बचा सकते। हम आपके ऊपर नहीं आपका काम अलग है और मैनेजमेंट अलग विश्वास करिए मैनेजर किसी भी सरकारी अस्पताल का हो अच्छा करेगा । यदि शक है तो गवर्नमेंट के द्वारा मैनेजमेंट से संबंधित एक परीक्षा हो जाए और डॉक्टर साहब लोग और हॉस्पिटल मैनेजमेंट से रिलेटेड लोग परीक्षा में सम्मिलित हों जो उत्तीर्ण हो वो कार्य भर संभाले।
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