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Tuesday, March 23, 2021

विश्व टीबी दिवस पर विशेष-

2284 मरीजों को इलाज के साथ मिल रहा है पोषण भत्ता

- 15 माह में 12 हजार से ज्यादा लोगों के बलगम की हुई जांच


बस्ती। टीबी मरीजों को अब मुफ्त इलाज के साथ ही पोषण भत्ता भी दिया जा रहा है। जिले के 2284 मरीज ऐसे हैं, जिनके खातों में 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ता भेजा जा रहा है। शेष बचे लोगों को पोषण भत्ता दिए जाने की कार्रवाई चल रही है। क्षय विभाग का जोर अब इस बात पर है कि प्रभावित लोगों को चिन्ह्ति कर उनका पूर्ण इलाज कराया जाए। 

जिला क्षय अधिकारी डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि भारत सरकार ने 2025 तक देश से टीबी के खात्मे का संकल्प लिया है। वर्ष 2020 में क्षय विभाग द्वारा लक्षण वाले कुल 9385 लोगों के बलगम की जांच की गई, जिसमें 4382 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। वर्ष 2021 में अब तक कुल 3045 लोगों की जांच की गई। इनमें 1058 टीबी के मरीज मिले। कुल 5440 मरीज विभाग में पंजीकृत हैं, इन्हें निःशुल्क दवा मुहैया कराई जा रही है। ब्लॉकवार विभागीय कर्मी मरीजों का फॉलोअप करते रहते हैं। आम लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता लाने के लिए 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन संगोष्ठी आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे।

प्राइवेट चिकित्सकों का मिल रहा सहयोग

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में प्राइवेट चिकित्सकों का अच्छा सहयोग मिल रहा है। वर्ष 2020 में 1293 मरीजों को चिन्ह्ति करने के साथ ही उनकी सूचना क्षय विभाग को दी। वर्ष 2021 में अब तक 201 मरीज चिन्ह्ति किए जा चुके हैं। इनका विवरण निःक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। विभाग की ओर से प्राइवेट चिकित्सक को 500 रुपए प्रति मरीज की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। 

13 अस्पतालों में है जांच की सुविधा

टीबी मरीजों की पहचान के लिए बलगम जांच की सुविधा जिला टीबी क्लीनिक सहित 13 ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में मिल रही है। कोई भी लक्षण वाला व्यक्ति वहां जाकर अपनी जांच करा सकता है। इसके अलावा टीबी क्लीनिक व सीएचसी हर्रैया में अत्याधुनिक जांच सीबीनॉट जांच की भी सुविधा मिल रही है। जटिल मामलों की जांच के लिए बलगम लखनऊ भेजा जाता है। यह सभी सुविधाएं पूरी तरह निःशुल्क है। 

यह लक्षण दिखें तो अवश्य कराएं जांच

दो हफ्ते से लगातार खांसी आना, बुखार रहना, रात के समय पसीना आना, भूख न लगना, वजन में लगातार गिरावट

गोद लिए 18 बच्चे हो चुके हैं स्वस्थ

गोद लिए गए टीबी के मरीज 18 बच्चे अब तक पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। यह सामान्य बच्चों की तरह अपनी जिंदगी गुजार सकेंगे। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर 19 साल तक के जरूरतमंद बच्चों को गोद लिए जाने का अभियान शुरू किया गया है। अब तक 51 बच्चों को मेडिकल कॉलेज, एनजीओ व अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। इन बच्चों के पोषण व इलाज का ख्याल गोद लेने वाले करते हैं। इनमें से दो मरीज की मौत हो गई है, जबकि एक बिना किसी सूचना के गैर जनपद चला गया है। शेष 30 का इलाज चल रहा है। 


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