प्रोफेसर अजय कुमार सिंह ने किया 11 दिवसीय खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन
गोरखपुर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के सेंट्रल जोन डेलीगेसी के तत्वाधान में 11 दिवसीय शतरंज खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 11 दिवसीय खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय कुमार सिंह अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल छात्रों के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक है। खेल के माध्यम से मन और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है। खेल में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए न कि प्रतिद्वंदिता । छात्रों से अपेक्षा है कि आयोजकों का सहयोग करें तथा खेल को खेल की भावना से ही खेले ।
इस समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सुधीर कुमार श्रीवास्तव अध्यक्ष एनएएसी ने उपस्थित प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया तथा उनकी सफलता की कामना की ।
इस समारोह की अध्यक्षता कर रहे डेलीगेसी के उपाध्यक्ष एवं इतिहास विभाग के संयुक्त आचार्य डॉक्टर सुधाकर लाल श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि अजय कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि सुधीर कुमार श्रीवास्तव को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। डॉक्टर सुधाकर लाल श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में इस प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी दी तथा आज की प्रतियोगिता शतरंज के इतिहास का विवरण प्रस्तुत किया तथा इसके उत्तपति का श्रेय भारत को बताया और महाभारत काल में इसे चतुरंग के नाम से जाना जाता था। सरसा व्यक्ति ने इसे मैदान से लाकर इंडोर गेम के रूप में विकसित कर राजा का मनोरंजन किया। भारत से खेल फ्रांस , फ्रांस से अरब, अरब से दक्षिणी यूरोप तथा यूरोप से स्पेन पहुंचकर परिष्कृत रूप से विकसित हुआ । आज पूरे विश्व में लोकप्रिय खेल रूप में स्थापित है।
डॉ मनोज कुमार तिवारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक प्रोफेसर केशव सिंह, प्रोफेसर मुकुंद शरण त्रिपाठी अध्यक्ष इतिहास डॉ महेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ विजय चहल , डेलीगेसी के सचिव प्रोफेसर सुनील कुमार श्रीवास्तव, सचिन्द्र, अश्मित , शकील, अनिल जय गोपाल, श्रीधर तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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