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Thursday, February 4, 2021

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किसान आंदोलन में शहीद नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में पहुंची महासचिव प्रियंका गांधी

- रामपुर पहुंचकर महासचिव ने शहीद किसान के परिजनों से की मुलाकात

- सभी देशवासी नवरीत के परिवार के साथ खड़े हैं: प्रियंका गांधी

- नवरीत मेरे बेटे के तरह, शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे: प्रियंका गांधी

रामपुर/लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन में शहीद हुए नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में बिलासपुर के दिदिबा गांव पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। महासचिव ने शहीद नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात करके अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। गौरतलब है कि नवरीत सिंह 26 जनवरी को किसान आंदोलन में शहीद हुए थे। नवरीत आस्ट्रेलिया में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। 25 वर्षीय नवरीत सिंह की हाल में ही शादी हुई थी।

महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने शहीद  नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में कहा कि  मुझे अनुभव से मालूम है कि एक शहीद का परिवार उसकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता। वह उस शहादत को अपने दिल में रखता है हमेशा के लिए और उस शहादत से उसके दिल में सिर्फ एक तमन्ना जागती है कि अपने प्यारे की शहादत व्यर्थ न हो। तो मैं जानती हूं कि आप सबके दिल में यही तमन्ना है।

उन्होंने कहा कि नवरीत 25 साल के थे। मेरा बेटा 20 साल का है। आपके भी नौजवान बेटे हैं जो उत्साह में अपना उत्साह दिखाने के लिए किसानों के साथ खड़े होने के लिए वहां चले गये और उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वह वापस लौटकर नहीं आये। क्यों गये थे वहां? कोई राजनैतिक साजिश नहीं थी कि वह वहां गये। वह इसलिए गये क्योंकि उनके दिल में दुख था, उनके दिल में किसानों की पीड़ा थी। उनको मालूम था कि जुल्म हो रहा है। गुरू गोविन्द सिंह जी ने कहा है कि जुल्म करना पाप है लेकिन जुल्म को सहना उससे भी बड़ा पाप है और हो सकता है कि यही सोचते हुए एक नौजवान बच्चा दिल्ली में इतनी दूर से दिल और दिमाग में इसे लेकर शामिल हुआ। इस उम्मीद में रहते हुए कि उसकी सुनवाई होगी। सब लोग इकट्ठा होंगे तो सरकार सुनेगी और जो दिल की बात है किसान की, उसके लिए सरकार भी दरवाजे खोलेगी और उसकी सुनवाई करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं ऐसा कह सकती हूं कि आज सबसे बड़ा जुल्म हो रहा है।

उन्होने कहा कि ये तीन काले कृषि कानून हैं जिनको सरकार वापस लेना नहीं चाहती जबकि उसको वापस लेना चाहिए, यह बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है किसानों के साथ, बहुत बड़ा जुल्म यह कर रहे हैं।

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महासचिव ने कहा कि ये शहीदों को आतंकवादी कहते हैं। यह बहुत बड़ा जुल्म है,  अगर एक नेता देश के किसान, देश के गरीब, हर देशवासी का दर्द नहीं सुन सकता। यह मौका नहीं है कि हम राजनैतिक बात करें। लेकिन हम ऐसा जुल्म सह नहीं सकते। जो सच्चाई है वह सच्चाई है यह कोई राजनैतिक आन्दोलन नहीं है यह एक सच्चा आन्दोलन है। आपका आन्दोलन है। किसानों का आन्दोलन है। इस देश के एक-एक निवासी का आन्देालन है इसीलिए मैं आज यहां आई। 

उन्होंने कहा कि मैं इस परिवार को कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हैं आपके साथ इस देश का एक-एक देशवासी खड़ा है।  चाहे वह किसी धर्म का हो, इस देश के कोने-कोने का किसान आपके साथ खड़ा है। हम आपके साथ खड़े हैं। आज मेरे साथ यहां आये हुए हजारों कांग्रेस के पश्चिमी उ0प्र0 के कार्यकर्ता आपके साथ हैं। मैं सरदार हरदीप सिंह जी को कहना चाहती हूं कि आपके पोते की शहादत हम व्यर्थ नहीं होने देंगे यही कहने के लिए मैं यहां आयी हूं और मेरी आशा है कि आप सबके मन में भी यही बात है। इस आन्दोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक तीन काले कानून सरकार वापस नहीं लेती।

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