हुदहुद देखने में बेहद खूबसूरत पक्षी है। नर और मादा दोनों के सिर पर कलगी होती है। इसके शरीर का रंग एक जैसा नहीं होता। पंख सुनहरे और काले होते हैं। और बीच-बीच में सफेद धारियां होती हैं। गर्दन का अगला हिस्सा बादामी रंग का होता है। हुदहुद पक्षी की लगभग एक दर्जन उपजातियां पाई जाती हैं। इसकी चौक पतली लंबी तथा तीखी होती है जिसके जरिए यह आसानी से जमीन के भीतर छिपे हुए कीड़े मकोड़ों को निकालता है इसे फल फूलों का शौक नहीं है कीड़े मकोड़ों को ही अपना आहार बनाता है अक्सर यह पक्षी बाग बगीचे खंडहरों आदि नजर आता है। हुदहुद पक्षी की एक विलायती प्रजाति पाई जाती है जो प्रेस सफेद रंग की होते हैं इजरायल और अरब देशों में भी के पक्षी पाया जाता है। हुदहुद पक्षी अपना घोंसला किसी फोल्डर दीवार के छिद्रों खंड हर आदमी बनाता है। मादा पक्षी एक बार में 5 से 10 अंडे तक देती है। अंडो पर यह चूजा निकलने तक बैठी रहती है इस दौरान नर पक्षी इसके भोजन का इंतजाम करता है।
किंबदंती हो के अनुसार प्रीत के राजा जोरिया स्कोर दंड स्वरूप हुद हुद बनना पड़ा था बाइबिल में भी इसका उल्लेख मिलता है मिस्र ईरान जैसे देशों में चिकित्सा ग्रंथों में लिखा है कि इस पक्षी का मांस भक्षण करने वालों की स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसके चलते इसका शिकार होता रहा है प्राचीन यूनान के भित्ति चित्र में हुदहुद का विशेष स्थान पाया जाता है यहूदी लोग इसे स्वर्ग का पक्षी कहते हैं तथा इसे पवित्र पक्षी मानते हैं कभी माना जाता था कि इस पक्षी के पंख सोने के हैं इस अज्ञानता के चलते इन पक्षियों को बड़ी संख्या में नष्ट किया गया।
हरीश पाल
बस्ती, उत्तर प्रदेश
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