बस्ती : आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं में खलबली मची है। अभी चुनाव का बिगुल भी नही बजा और प्रचण्ड बहुमत वाली पार्टी ने आम आदमी पार्टी को अपना प्रतिद्वन्दी मान लिया। यह बातें पार्टी के दिल्ली से तीसरी बार मॉडल टाउन विधायक बने अखिलेश पति त्रिपाठी ने कही। वे प्रेस क्लब सभागार में मीडिया से मुखातिब थे। श्री त्रिपाठी दो दिवसीय भ्रमण पर बस्ती आये हैं।
उन्होने कहा भाजपा के मंत्रियों ने ट्वीटर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा, चिकित्सा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के मॉडल को चुनौती दिया था। ‘आप’ नेंता इस चुनौती को स्वीकार कर दिल्ली बनाम यूपी मॉडल पर बहंस करने आये तो वे सामना करने की बजाय भाग खड़े हुये। उन्होने कहा झूठ, फरेब, नफरत, फर्जी मुकदमों में फंसाकर निर्दोष लोगों के उत्पीड़न तथा सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार मुक्त शासन से जनता आजिज आ चुकी है। दिल्ली मॉडल से जनता को काफी उम्मीदें हैं। जनता ने पिछले दो कार्यकाल में गुजरात मॉडल को देख लिया है, देर से ही सही इसके साइड इफेक्ट भी जनता को अब नजर आने लगे हैं।
आने वाले चुनावों से परिवर्तन की शुरूआत होगी और भारतीय जनता पार्टी को अपनी सोच और काम के तरीके बदलने होंगे अथवा आम आदमी के लिये रास्ता खाली करना होगा। आप विधायक ने कहा अब तक देश की राजनीति में धन्नासेठ और बाहुबली जाते थे। अब आम आदमी देश की राजनीति में सक्रिय हो रहा है। उन्होने अपील किया कि राजनीतिक खामियों को दूर करने, भ्रष्टाचार मुक्त शासन तथा बेहतर शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा के लिये आने वाले चुनावों में जनता को अपने हाथों मे झाडू उठाना होगा।
आप विधायक ने बस्ती जनपद के बक्सई, बेइली, सोनूपार, कलवारी, पचपेड़वा, कप्तानगंज आदि जगहों पर जनसभा की दिल्ली सरकार के मुफ्त बिजली पानी, बेहतर शिक्षा चिकित्सा की तुलना यूपी से की। इस दौरान पार्टी समर्थकों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान उन्होने बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी की टोपी पहनाकर सदस्यता दिलवाई। कार्यक्रम के दौरान आप विधायक ने पैकोलिया थाना क्षेत्र की रेप पीड़िता के परिजनों से भी मिले। उन्होने दिल्ली के शिक्षा मॉडल से यूपी के शिक्षा मॉडल की तुलना के लिये कई प्राथमिक विद्यालयों का भी अवलोकन किया। उनके साथ पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष काजी इमरान लतीफ, महिला विंग की प्रदेश उपाध्यक्ष इरम रिज़वी जिलाध्यक्ष रामयज्ञ निषाद, आनंद राजपाल, सत्य प्रकाश चौधरी, अशोक श्रीवास्तव, चन्द्रभान कनौजिया, इरशाद, विरेन्द्र कसौधन, जनकराज, तिलकराम चौधरी, चंदन, राजबहादुर निषाद, केपी भारती, सोमनाथ, कुलदीप जायसवाल, अरूण प्रकाश, रोशन चौधरी, मो. हाशिम, शिवप्रसाद चौधरी, राकेश कुमार गौड़, सूरज यादव, उमेश कुमार, विजय यादव आदि का योगदान रहा।
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